अमर सेनानी सावरकर (Amar Senani Saavarkar)
वीर सावरकर आधुनिक भारत के निर्माताओं की अग्रणी पंक्ति के नक्षत्र हैं । ' वीर सावरकर ' भारत के प्रथम छात्र थे , जिन्हें देशभक्ति के आरोप में कालेज से निष्कासित किया गया । वे प्रथम युवक थे , जिन्होंने विदेशी वस्त्रों की होली जलाने का साहस दिखाया । वे प्रथम बैरिस्टर थे , जिन्हें परीक्षा पास करने पर भी प्रमाण पत्र नहीं दिया गया । वे पहले भारतीय हैं , जिन्होंने लंदन में १८५७ के तथाकथित गदर को भारतीय स्वातंत्र्य संगाम का नाम दिया । वे विश्व के प्रथम लेखक हैं जिनकी पुस्तक ' १८५७ का स्वातंत्र्य समर ' प्रकाशन के पूर्व ही जब्त कर ली गयी । वे प्रथम भारतीय हैं जिनका अभियोग हेग के अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में चला । संसार के इतिहास में वे प्रथम महापुरुष हैं , जिनके बंदी विवाद के कारण फ्रांस के प्रधानमंत्री एम बायन को त्याग - पत्र देना पड़ा । वे पहले कैदी थे , जिन्होंने अण्डमान में जेल की दीवारों पर कील की लेखनी से साहित्य सृजन किया । वे प्रथम मेधावी हैं , जिन्होंने काले पानी की सजा काटते हुए ( कोल्हू में बैल की जगह जुतना , चूने की चक्की चलाना , रामबांस कूटना , कोड़ों की मार सहना ) भी दश - सहस्र पंक्तियों को कंठस्थ करके यह सिद्ध किया कि सृष्टि के आदि काल में आर्यों ने वाणी ( कण्ठ ) द्वारा वेदों को किस प्रकार जीवित रखा । वे प्रथम राजनीतिक नेता थे , जिन्होंने समस्त संसार के समक्ष भारत देश को हिन्दू राष्ट्र सिद्ध करके गांधी जी को चुनौती दी थी । वे प्रथम क्रांतिकारी थे , जिन पर स्वतंत्र भारत की सरकार ने झूठा मुकदमा चलाया और बाद में निर्दोष साबित होने पर माफी मांगी ।